रात की करवटों को बद-गुमानी हैं

रात की करवटों को बद-गुमानी हैं !
जो भी चाहे कर ले तेरी मन मानी हैं !!
सवरता हैं इश्क रात की जुल्फों में !
प्यार से लिपटने की चाहत ही जिंदगानी हैं !!

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