होंठो पे न कभी कोई शिकवा चाहिए !

होंठो पे न कभी कोई शिकवा चाहिए !
बस निगाहे करम और दुआ चाहिए !!
चाँद तारो की तमन्ना मुझको नहीं !
तुम सलामत रहो और क्या चाहिए !!

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