उनके ख़ामोशी से हम नाराज़ थे !

उनके ख़ामोशी से हम नाराज़ थे !
शायद ही जुबान पे कोई अल्फाज़ थे !!
जिन्हें बता दिया सबकुछ हमने !
उनके दिल में ही छुपे हमारे राज़ थे !!

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