Mehfil Kabhi Udaas Nahi Hoti Pyaar ki Manzil Itni Pass Nahi Hoti Hota hai kabhi kabhi Aisa bhi Zindagi mein Mil Jaate hain wo bhi Jinki Kabhi Talaash Nahi Hoti
दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया, लोगों ने हमसे पूछा कि तुम्हें क्या हो गया, बेकरार आँखों से सिर्फ हँस के हम रह गए, ये भी ना कह सके कि हमें इश्क़ हो गया...
जब आप हमसे रूठ जाओगे जब आप हमसे खफा हो जाओगे जब आप हमें भूल जाओगे तब गाल पे ऐसा थपड़ पड़ेगा की सब याद आ जायेगा. Jab Aap hamse ruth jaoge Jab Aap hamse khafa ho jaoge Jab Aap hame bhul jaoge Tab gaal pe aisa thapad padega ki sab yaad aa jayega.
आँखों में चाहत दिल में कशिश है; फिर क्यों ना जाने मुलाकात में बंदिश है; मोहब्बत है हम दोनों को एक-दूसरे से; फिर भी दिलों में ना जाने यह रंजिश क्यों है।
निकलते है आंसू जब मुलाकात नहीं होती, टूट जाता है दिल जब बात नहीं होती है. अपनी जान की कसम जब याद आये ना ऐसी कोई सुबह ऐसी कोई रात नहीं होती. Nikalte hai aansu jab mulakat nahi hoti, Toot jata hai dil jab bat nahi hoti hai. Apni jaan ki kasam jab yaad aye na aisi koi subhah aisi koi raat nahi hoti.
यूँ तो जिंदगी में अजीब से मोड़ आएंगे, कभी खुशी तो कभी गम लायेंगे. रखना खुद को संभाल के, क्योकि आप हसेंगे तो हम भी मुस्कुराएंगे. Yun to zindgi me ajeeb se mod ayenge, Kabhi khusi to kabhi gam layenge. Rakhna khud ko sambhal ke, Kyoki aap hasenge to hum bhi muskurayenge.
यूँ तो जिंदगी में अजीब से मोड़ आएंगे, कभी खुशी तो कभी गम लायेंगे. रखना खुद को संभाल के, क्योकि आप हसेंगे तो हम भी मुस्कुराएंगे. Yun to zindgi me ajeeb se mod ayenge, Kabhi khusi to kabhi gam layenge. Rakhna khud ko sambhal ke, Kyoki aap hasenge to hum bhi muskurayenge.
लाखो लोग मोहब्बत करते है, शायद हम उन जैसे नहीं. दिखाने के लिए हम भी बना सकते है ताज-महल, मगर मुमताज़ को मरने दे हम वो शाहजहाँ नहीं. Lakho log mohabat karte hai, Shayad hum un jaise nahi. Dikhane ke liye hum bhi bana sakte haiTAJ-MAHAL, Magar MUMTAZ ko marne de hum vo SHAHJAHAN nahi.
सितारों के आगे भी कोई जहाँ होगा, जो न देखा कभी वो समां होगा. उस जहाँ के सारे हसीं नजारो की कसम, आप सा हसीं दोस्त दूसरा कहाँ होगा ! Sitaron ke aage bhi koi jahan hoga, jo na dekha kabi wo sama hoga. Us jahan ke sare hasin nazaro ki kasam, aap sa hasin dost dusra kahan hoga !
कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं, अगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैं, माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का, आ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं..!!
फिर से मुझे मिट्टी में खेलने दे ऐ जिन्दगी.. ये साफ़ सुथरी ज़िन्दगी, उस मिट्टी से ज्यादा है”..!! पाना है मुक्काम ओ मुक्काम अभी बाकी है अभी तो जमीन पै आये है असमान की उडान बाकी है
गुलाब मुहब्बत का पैगाम नहीं होता, चाँद चांदनी का प्यार सरे आम नहीं होता, प्यार होता है मन की निर्मल भावनाओं से, वर्ना यूँ ही राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता... ...
पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं, वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं, वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो? और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं ! ...
कुछ बातें हमसे सुना करो, कुच बातें हमसे किया करो.. मुझे दिल की बात बता डालो, तुम होंठ ना अपने सिया करो.. जो बात लबों तक ना आऐ, वो आँखों से कह दिया करो.. कुछ बातें कहना मुश्किल हैं, तुम चहरे से पढ़ लिया करो.. जब तनहा तनहा होते हो, आवाज मुझे तुम दिया करो...