तेरे इंतज़ार का ये आलम हैं

तेरे इंतज़ार का ये आलम हैं !
तरपता हैं दिल आँखें भी नम हैं !!
तेरे आरजू में जी रहा हैं जितू...!
वर्ना जीने की ख्वाइश भी अब बहुत कम हैं !!

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