तरस गए हम थोरी सी वफा के लिए

तरस गए हम थोरी सी वफा के लिए !
किसी से प्यार नहीं करेंगे खुदा के लिए !!
जब भी लगती हैं इश्क की अदालत...!
क्यों हम ही चुने जाते हैं सजा के लिए !!

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