हस गुजरेगा साल नया हमें एतवार हैं !
हस गुजरेगा साल नया हमें एतवार हैं !
बसे परदेश तो क्या, नहीं कम प्यार हैं !!
ख्वाबे मत देखना, आवाज़ रहता जिगर ख़याल हैं !
मिलेगी इजाजत जानेमन लौट पहनाना बाँहे हार हैं !!
बसे परदेश तो क्या, नहीं कम प्यार हैं !!
ख्वाबे मत देखना, आवाज़ रहता जिगर ख़याल हैं !
मिलेगी इजाजत जानेमन लौट पहनाना बाँहे हार हैं !!
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