अपनी जगह पे तो सब ठीक हैं !
अपनी जगह पे तो सब ठीक हैं !
पर कहीं दोस्ती, तो कही इश्क वीक हैं !!
क्यों नहीं आता तरश उन लोगों को ?!
जिनसे आशिक मांगते अपने प्यार की भीख हैं !!
पर कहीं दोस्ती, तो कही इश्क वीक हैं !!
क्यों नहीं आता तरश उन लोगों को ?!
जिनसे आशिक मांगते अपने प्यार की भीख हैं !!
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