वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे!

वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे!
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे!
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी!
इसलिए हम आंसू बहाते रहे!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निकलते है आंसू जब मुलाकात नहीं होती,