लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है,

लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है,
 मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है,
गिर पड़ते हैं मेरे आंसू मेरे ही कागज पर,
लगता है कि कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है!

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