ज़िन्दगी कट रही है राफ्ता-रफ्ता,
ज़िन्दगी कट रही है राफ्ता-रफ्ता,
यादें धुंधली हो रही है राफ्ता-राफ्ता,
जो चिराग कभी दिल में जला करती थे
उनकी लौ बुझ रही है राफ्ता-राफ्ता।
यादें धुंधली हो रही है राफ्ता-राफ्ता,
जो चिराग कभी दिल में जला करती थे
उनकी लौ बुझ रही है राफ्ता-राफ्ता।
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