फिर से मुझे मिट्टी में खेलने दे ऐ जिन्दगी..

फिर से मुझे मिट्टी में खेलने दे ऐ जिन्दगी.. 
ये साफ़ सुथरी ज़िन्दगी, उस मिट्टी से ज्यादा है”..!! 
पाना है मुक्काम ओ मुक्काम अभी बाकी है 
अभी तो जमीन पै आये है असमान की उडान बाकी है 

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