वक़्त नूर को बेनूर बना देता है!

वक़्त नूर को बेनूर बना देता है!
 छोटे से जख्म को नासूर बना देता है!
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना
पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निकलते है आंसू जब मुलाकात नहीं होती,